17 February Hindi Subjective Question Answer 2025- 17 फरवरी हिन्दी सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर 2025
नमस्कार दोस्तों बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा 17 फरवरी हिंदी का परीक्षा का महत्वपूर्ण आने वाला क्वेश्चन लघु प्रश्न एवं दीर्घ प्रश्न का वायरल प्रश्न पत्र देने वाले हैं आप लोग इस लेख में दिए गए सब्जेक्टिव क्वेश्चन को याद कर ले ।अपने दोस्तों के पास शेयर जरूर करें इस लेख में महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव सब्जेक्टिव क्वेश्चन दिया गया है ।
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Class 10th Hindi Subjective
प्रश्न 1. लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आं गया हो ?
उत्तर– लेखक ने एक नौकर रख लिया है। अब उसे नौकर का भी भरण-पोषण करना होगा। साथ ही वेतन भी देना होगा। इसी कारण लेखक को लगता है जैसे उस पर भारी दायित्व आ गया हो।
प्रश्न 2. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए ।
उत्तर– बहादुर सामने खड़ा आँखों को बुरी तरह मलका रहा था। वह बारह-तेरह वर्ष का था। उसका मुँह चपटा, रंग गोरा तथा कद नाटा, था। वह आधे बाँह की कमीज तथा सफेद रंग का पैंट तथा भूरे रंग का जूता पहने हुए था। गले में रूमाल बाँधने के कारण वह स्काउटों जैसा प्रतीत होता था। लेखक के परिवार के लोग उसे ऐसे घेरे हुए थे, जैसे वह कोई अजनबी चीज हो ।
प्रश्न 3. लेखक को क्यों लगता है कि नौकर रखना जरूरी हो गया था?
उत्तर– लेखक को नौकर रखना इसलिए जरूरी हो गया था, क्योकि उनके भाई तथा रिश्तेदार अच्छे ओहदों पर थे और सभी के यहाँ नौकर थे। लेखक जब बहन की शादी के अवसर पर घर जाता है और नौकरों का सुख अनुभव करता है तो वह भी नौकर रखने का निश्चय करता है। साथ ही, भाभियों की मौज-मस्ती तथा पत्नी की परेशानी देखकर उनका हृदय ईर्ष्याग्नि से जल उठता है। इतना ही नहीं, पत्नी की जली-कटी बाते भी उन्हें नौकर रखने के लिए दबाव डालने लगी। इन्हीं सब कारणों से लेखक को नौकर रखना आवश्यक हो गया था।
प्रश्न 4. साले साहब से लेखक को कौन-सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा?
उत्तर– लेखक को साले साहब से लाए हुए नौकर अर्थात् बहादुर के बारे में असाधारण किस्सा सुनना पड़ा कि बहादुर एक नेपाली है, उसका घर बिहार तथा नेपाल की सीमा पर है। इसका बाप युद्ध में मारा गया। उसकी गुस्सैल माँ ही परिवार का भरण-पोषण करती है। माँ की इच्छा थी कि लड़का घर के काम-काज में हाथ बटाए परन्तु ऐसा न करने के कारण माँ मार-पीट करती थी। तात्पर्य यह कि यह माँ की बातों पर ध्यान न देकर खेलने-कूदने में समय बर्बाद करता था। इतना ही नहीं, एक दिन उसने उस भैस को बहुत मारा, जिसको माँ बहुत चाहती थी। भैस की मार का अनुमान करके माँ ने उसे बरहमी से पीट दिया, जिस कारण बहादुर का मन माँ से फट गया और वह घर छोड़कर भाग चला।
प्रश्न 5. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था?
उत्तर– बहादुर के अपने घर से भागने का मुख्य कारण यह था कि वह वही काम करता था, जो माँ की इच्छा के प्रतिकूल होता था। माँ जिस भैंस को बहुत प्यार करती थी, उस भैस से उसे सख्त घृणा थी। एक दिन उसने उस भैंस को बहुत मारा था। मार खाकर भैंस खेत में काम कर रही उसकी माँ के पास पहुँच गई। भैस चरना छोड़कर उसके पास जैसे ही आई, वह समझ गई कि लड़का ने उसे अवश्य मारा है, इसलिए वह क्रोधित हो गई और लड़के की बेरहमी से पिटाई कर दी। माँ की मार से दुःखी होकर उसने घर से भागने का निश्चय कर लिया तथा घी की हंडी में रखे माँ के रुपयों में से दो रुपये निकालकर नौ-दो-ग्यारह हो गया।
प्रश्न 6. बहादुर के नाम से ‘दिल’ शब्द क्यों उड़ा दिया गया ? विचार करें।
उत्तर- लेखक ने जब बहादुर का नाम पूछा तो उसने कहा दिलबहादुर, साहब। उसके स्वर में ऐसी मीठी झनझनाहट थी कि लेखक प्रसन्न होकर आदर्श जीवन जीने की शिक्षा देने लगे तथा उनके यहाँ नौकर के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, उस संबंध में भी जानकारी दी। उसको समझाया गया कि वह घर को अपना घर मानकर सबके साथ शिष्ट व्यवहार करे तथा मुहल्ले वालों की बातों पर ध्यान न दे। लेखक की पत्नी निर्मला ने उसके नाम से ‘दिल’ शब्द हटाकर उसका दिल जीतने तथा अपना प्रभाव डालने के लिए उदारतापूर्वक ‘दिल’ उड़ा दिया।
(7) पर अब बहादुर से भूल-गलतियाँ अधिक होने लगी थीं।
उत्तर– प्रस्तुत पंक्ति महान् कथाकार अमरकान्त द्वारा लिखित कहानी ‘बहादुर’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। इसमें लेखक ने बहादुर से होनेवाली भूल एवं गलतियाँ होने के कारणों पर अपना विचार प्रकट किया है। लेखक का मानना है कि बहादुर स्वाभिमानी लड़का है। वह उनके पुत्र एवं पत्नी के अभद्र व्यवहार से क्षुब्ध रहने लगा है, उसकी छोटी-सी भूल पर भी उनका पुत्र किशोर मारने के साथ-साथ ‘सूअर का बच्चा’ तक कह देता है, जिस कारण वह किशोर का काम करना बन्द कर देता है। निर्मला भी अब उसकी उपेक्षा करने लगी है। वह किसी के कहने पर उसका खाना बन्द कर देती है तथा उसे स्वयं रोटी बनाने को कहती है। वह रात भर भूखा रह जाता है लेकिन रोटी नहीं बनाता। फलतः उसे डॉट-फटकार सुननी पड़ती है। इतना ही नहीं, उसको मारनेवाले घर में दो व्यक्ति हो गए। इन सब कारणों से बहादुर का मन खिन्न रहने लगा है और अक्सर उससे भूल होने लगी है। लेखक के कहने का तात्पर्य है कि जब किसी व्यक्ति से भेदभाव किया जाता है अथवा उसे हीन भाव से देखा जाता है तो उस व्यक्ति का प्रेम घृणा में बदल जाता है। इस घृणा के कारण कोई भी काम उदासीन भाव से करता है, जिस कारण भूल-गलतियाँ होती हैं। बहादुर गाली-गलौज के कारण ही गलती करता है।
प्रश्न 8. बहादुर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा ?
उत्तर- बहादुर के आने से घर में अजीब परिवर्तन हो गया। दिन मजे से कटने लगा। लेखक अपने को बहुत ऊँचा तथा मुहल्ले के लोगों को तुच्छ मानने लगा। किसी से सीधे मुँह बात करना छोड़ दिया। पड़ोसियों को यह कहकर लज्जित करने लगा कि आजकल व्ही नौकर रख सकता है जिसके पास कलेजा होता है। लेखक की पत्नी निर्मला भी शान बघारने लगी थी कि इज्जत नहीं तो धन-दौलत कमाना व्यर्थ है। तात्पर्य यह कि बहादुर के आते ही सभी आराम से दिन बिताने लगे। घर-कपड़े चमाचम दिखने लगे। अब घर का सारा काम बहादुर के माध्यम से होने लगा। एक ग्लास पानी लाने की बात हो या कोई वस्तु संभालकर रखने की अथवा जूते साफ करने की, सब बहादुर के माध्यम से होता । पुत्र किशोर का रूतबा भी बढ़ गया। तात्पर्य कि सभी आराम फरमाने के शौकीन यानी पराश्रयी हो गए।
प्रश्न 9. किन कारणों से बहादुर ने एकदिन लेखक का घर छोड़ दिया?
उत्तर- बहादुर स्वाभिमानी, कर्मठ, प्यार का भूखा तथा स्वच्छंद विचार का व्यक्ति था। उसने माँ की पिटाई के कारण ही घर का त्याग किया था। लेखक के घर आने पर आरंभ में उसे घर के सदस्य की तरह समझा जाता था, किंतु कुछ दिनों के बाद पहले लेखक के पुत्र किशोर का कोपभाजन बना, फिर निर्मला के भेदभावपूर्ण व्यवहार ने उसकी आत्मीयता की दीवार को ढाह दिया। इसके बाद बचा खुचा उसका प्रेम तब खत्म हो गया, जब अतिथि की झूठी बातों पर विश्वास करके लेखक ने उसे तमाचा जमा दिया। इन्हीं सब कारणों से बहादुर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया।
प्रश्न 10. बहादुर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस पर इस आरोप क्या असर पड़ता है?
उत्तर– बहादुर पर ही चोरी का आरोप इसलिए लगाया जाता है, क्योकि वह नौकर है। ऐसी मान्यता है कि नौकर चोर होते हैं। इसका कारण यह है कि वे गरीबी अथवा आर्थिक विवशता के कारण अधिक-से-अधिक पैसा संचय करना चाहते हैं। इसलिए चोरी करने से परहेज नहीं करते। बहादुर पर इस चोरी के आरोप का बुरा प्रभाव पड़ा। चोरी की बात लेखक के पूछने पर उसका मुँह काला हो जाता है। उसका अन्तर इस आरोप के कारण कराह उठता है।
प्रश्न 11. घर आए रिश्तेदारों ने कैसा प्रपंच रचा और उसका क्या परिणाम निकला ?
उत्तर– घर आए रिश्तेदारों ने ग्यारह रुपये चोरी होने का प्रपंच रचा। रिश्तेदार की पत्नी ने कहा कि ग्यारह रुपये खूँट से खोल कर चारपाई पर इसलिए रखा था कि चार रुपये की मिठाई मँगा लूँगी और कुछ रुपये बच्चों के हाथ पर रख दूँगी, क्योंकि किसी के यहाँ खाली हाथ जाना ठीक नहीं लगता। इस आरोप का यह परिणाम निकला कि बहादुर को छोड़कर जाना पड़ा और लेखक के परिवार की सारी शान और रोब-दाव छूमंतर हो गया।
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