Bihar Board Class 10th Social Science Vvi Question Answer 2025
Bihar Board Class 10th Social Science: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2025 इस लेख में हम आप सभी को सामाजिक विज्ञान का वैसा प्रश्न लेकर आए जो सीधे आपके परीक्षा में पूछे जाएंगे इस लेख में हम टोटल सब्जेक्टिव प्रश्न लेकर आए जिसमें लघु उत्तरीय दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होगा आप लोग इस प्रश्न को याद कर लें आपके एग्जाम में आने की संभावना काफी ज्यादा है इस तरह का प्रश्न हर साल पूछे जाते हैं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक परीक्षा में ।
Read Also- Class 10th Social Science Vvi Subjective Question Answer 2025 Bihar Board
Read Also- Class 10th Hindi Subjective Question Paper 2025 @biharboard
Class 10th Social science
प्रश्न 1. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर– किसी भी प्रकार की आपदा से जीवन की रक्षा करना ‘जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन’ कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य आगतं आपदा से बचाव करना होता है। आकस्मिक प्रबंधन किसी संस्था की सफलता की कसौटी नहीं है क्योंकि इस समय जिससे जो बन पड़ता है करने का प्रयास करता है और आपदा ग्रस्त लोगों की मदद करता है। यह मदद की प्राथमिक अवस्था है।
प्रश्न 2. बाढ़ की स्थिति में अपनाये जाने वाले आकस्मिक प्रबंधन का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
उत्तर– बाढ़ की स्थिति में अपनाए जाने वाले आकस्मिक प्रबंधन जान-माल तथा मवेशियों की सुरक्षा प्रदान करता है न कि बाढ़ को रोकता है। बाढ़ को रोकने की प्रक्रिया तो बाढ़ आने के पहले की है। अब तो जैसे भी है बह रहे मनुष्यों और मवेशियों को बचाने की प्राथमिकता होनी चाहिए। बचे हुए लोगों और मवेशियों को ऊँचे-स्थानों पर पहुँचा कर उनके रहने और खाने पीने की व्यवस्था करनी पड़ती है। यदि किसी को चिकित्सा सुविधा चाहिए तो उसे मुहैया कराना पड़ता है।
प्रश्न 3. भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन की चर्चा संक्षेप में कीजिए ।
उत्तर- भूकंप एवं सुनामी, दोनों ही स्थितियों में बचे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना होता है। सर्वप्रथम राहत कैंपों की व्यवस्था हो जहाँ इन्हें रखा जा सके। वहाँ उनके ठहरने, खाने-पीने के साथ-साथ चिकित्सा की व्यवस्था भी रहे। भूकंप में मलवे में दबे लोगों को निकालना पड़ता है, जबकि सुनामी में बह रहे लोगों को बचाना पड़ता है। सुनामीग्रस्त बहुत लोग नारियल के वृक्ष पर लटक कर जान बचाते हैं, उन्हें सुरक्षित उतारकर राहत कैम्प में पहुँचाना पड़ता है।
प्रश्न 4. आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका महत्त्वपूर्ण ही नहीं, अति आवश्यक भी है। कारण है कि स्थानीय लोग निर्वाचित रहते हैं और वे स्थान विशेष के नप्पे-चप्पे से वाकिफ रहते हैं। स्थानीय प्रशासन के लोगों को चाहिए कि वे राहत शिविरों का निर्माण करें। राहत शिविरों में बचाव के लिए सभी समानों का रहना आवश्यक है। भोजन-पानी से लेकन चिकित्सां आदि की भी व्यवस्था रहनी चाहिए। केवल दिखावा के लिए काम नहीं, काम के लिए काम हो। इस प्रकार स्थानीय प्रशासन यदि चाहे तो बहुत कुछ कर सकता है।
प्रश्न 5. आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए? उल्लेख करें ।
उत्तर-आग लगने की स्थिति में सर्वप्रथम अग्निशामक यंत्र वालों को बुलाने का प्रबंध करना चाहिए। अग्नि शामक यंत्र के आने तक निकट में रखे बालू, कुएँ और तालाबों से जल निकाल कर आग को बुझाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि आग अधिक फैले नहीं। आग में फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास होना चाहिए। जो लोग जल चुके हैं उनके जले भाग पर जल्दी से ठंडा पानी डालना तथा बर्फ से सहलाना चाहिए। तत्पश्चात बर्नोल का लेप लगाना चाहिए। अधिक जले लोगों को यथाशीघ्र निकट के अस्पताल में पहुँचा देना चाहिए।
प्रश्न 1. जीवनरक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- जीवनरक्षक आकस्मिक प्रबंधन से तात्पर्य है कि आपदा की घड़ी में जीवन रक्षा का उपाय किया जाय। आकस्मिक प्रबंधन किसी प्रशासन की सफलता की कसौटी है। इसके अंतर्गत आपदा के आते ही प्रभावित लोगों को आपदा से निजात दिलाना प्रथम और प्रमुख उद्देश्य होता है। बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का तरीका अलग है जबकि भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंध का तरीका अलग है।
(i) बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन – बाढ़ आने पर पहली प्राथमिकता लोगों और मवेशियों को बचाना होना चाहिए। लोगों को नाव पर बैठाकर या तैराकों की मदद से बहते लोगों को किनारे पर पहुँचाना होता है। पुनः उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना होता है। उसके बाद घर में बन रही सम्पत्ति के साथ मवेशियों को निकालने को प्राथमिकता देनी चाहिए। सुरक्षित स्थान गाँव के बाहर रेलवे लाइन, सड़क या तटबंध हो सकते हैं। लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा कर उनके भोजन पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। मवेशियों के लिए नारे की व्यवस्था की जाय। बाढ़ के कारण विपैले जन्तु भी ऊँने स्थानों की खोज में बिलबिलाते रहते हैं। उनसे भी बचाव का प्रबंध होना चाहिए। बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद कुँओं के जल को शुद्ध करना तथा यत्र-तत्र ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव होना चाहिए। इतना हो जाय तो उसे सफल प्रबंधन मानना चाहिए।
(ii) भूकंप की. स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन – भूकंप के बाद तीन कामों पर ध्यान दिया जाता है। वे है: बचे हुए लोगों को राहत कैप में ले जाना और उनकी प्रारंभिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना, मलवे में दबे लोगों को निकलना तथा मृत लोगों और पशुओं को जमीन में गाड़ देना या जला देनां। महामारी फैलने की आशंका पर उसे रोकने का प्रबंध करना।
(iii) सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन सुनामी की स्थिति में बह रहे लोगों को बचाना और उन्हें राहत शिविरों में पहुँचना पहला काम होना चाहिए। जो लोग मृत्यु को प्राप्त हो गए हों उन्हें उचित किया द्वारा उनकी लाश को निबटाना। बचे हुए लोगों को भोजन-पानी का प्रबंध करना।
Important Link
Important Questions | Click Here |
Latest Update | Click Here |
Telegram channel | Click Here |
WhatsApp Channel | Click Here |